Beti Bachao Beti Padhao Essay in Hindi बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ निबंध बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ इसका अर्थ है “लड़कियों को बचाना और शिक्षित करना” बेटियों के इस बिगड़ते हुए हालात को देखते हुए हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 22 जनवरी 2015 को बेटियों के हालात सुधारने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को प्रारंभ किया।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ निबंध
Beti Bachao Beti Padhao Essay in Hindi
इस धरती पर मानव जाति का अस्तित्व, आदमी और औरत दोनों की समान भागीदारी के बिना संभव नहीं होता है।
दोनों ही किसी भी देश के विकास के लिए समान रूप से जिम्मेदार है।
महिलाएं पुरुषों से अधिक महत्वपूर्ण होती हैं क्योंकि महिलाओं के बिना मानव जाति की निरंतरता के बारे में कल्पना
भी नहीं की जा सकती हैं,
क्योंकि महिलाएं ही मानव को जन्म देती हैं।
महिलाओं के लिए सबसे बड़ा अपराध कन्या भ्रूण हत्या है जिसमें अल्ट्रासाउंड के माध्यम से
लिंग परीक्षण के बाद बेटीयों को
माँ के गर्भ में ही मार दिया जाता है। इसके परिणाम स्वरूप समाज में बालिकाओं की संख्या लगातार कम होती जा रही है।
मैं सभी माताओं से पूछना चाहती हूं कि बेटी नहीं पैदा होगी तो बहू कहां से लाओगे? हम चाहते हैं कि बहू पढ़ी-लिखी मिले
यदि हम बेटी को पढ़ा नहीं सकते तो शिक्षित बहू की उम्मीद करना भी बेमानी है।
जिस धरती पर मानवता का संदेश दिया गया हो वहां बेटियों की हत्या बहुत ही दुख देती है।
बेटी बचाओ अभियान को सरकार द्वारा कन्या भ्रूण हत्या के साथ-साथ बालिकाओं के विरुद्ध अन्य अपराधों को समाप्त करने
के लिए शुरू किया गया है।
हमारे देश के लोगों ने मिलकर हमारे देश में पुरुष प्रधान नीति को अपना लिया है जिसके कारण देश की बेटियों के हालात गंभीर रूप से
खराब हो गए हैं। उनके साथ लैंगिग भेदभाव किया जा रहा है और ना ही उन्हें उचित शिक्षा दी जा रही है।
जिसके कारण वह हर क्षेत्र में पिछड़ गई है। उनकी आवाज को इस कदर दबा दिया गया है कि उन्हें घर से बाहर निकलने की
आजादी तक नहीं दी जाती है।
इस गंभीर मुद्दे के कारण ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की गई
इसी दिशा में आगे कदम बढ़ाते हुए सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना की शुरूआत भी की है,
जिसके तहत लड़कियों की पढाई और शादी के लिए सरकार पैसे मुहैया कराएगी।
ये संभव है कि इस योजना से लड़कों और लड़कियों के प्रति भेदभाव खत्म हो जाए और कन्या भ्रूण हत्या का अन्त करने में
ये बहुत मुख्य कड़ी साबित हों। इस योजना की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने चिकित्सक बिरादरी को ये याद दिलाया
कि “चिकित्सा पेशा लोगों को जीवन देने के लिए बना है ना कि उन्हें खत्म करने के लिए”।
भारत के प्रत्येक नागरिक को कन्या शिशु बचाओ के साथ-साथ इनका समाज में स्तर सुधारने के लिए प्रयास करना चाहिए।
लडकियों को उनके माता-पिता द्वारा लडकों के समान समझा जाना चाहिए और उन्हें
सभी कार्यक्षेत्रों में समान अवसर प्रदान करने चाहिए।
“बेटे भाग्य से होते हैं,पर बेटियाँ सौभाग्य से होती हैं”
तो दोस्तों आशा करते हैं आपको हमारी ये पोस्ट Beti Bachao Beti Padhao Essay in Hindi पसंद आई होगी।