Bhagat Singh Quotes in Hindi | भगत सिंह के अनमोल विचार

Bhagat Singh Quotes in Hindi with Famous Dialogue – आज हम आपके लिए लेकर आये हैं भगत सिंह के अनमोल विचार और क्रांतिकारी सुविचार इमेज और फोटो के साथ जिनको आप डाउनलोड भी कर सकते हैं।

दोस्तों हम सभी में से शायद ही कोई ऐसा हिंदुस्तानी होगा जो शहीद-ए-आज़म भगत सिंह को ना जानता हो। ब्रिटिशों से भारत की आज़ादी के लिए उनके द्वारा किये गये बलिदान को दुनिया जानती है। उन्होंने 23 वर्ष की आयु में देश के लिए फांसी पर झूल कर पूरे देश में “इंकलाब” की ज्वाला को भड़का दिया और हमें आजादी दिलाई। चलिए आज इस पोस्ट के माध्यम से पढ़ते हैं कुछ बेहतरीन अनमोल विचार जो आपके अंदर भी एक आग भर देंगे।

Bhagat Singh Quotes

  • जिंदगी तो सिर्फ अपने कंधों पर जी जाती है, दूसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।
  • किसी भी इंसान को मारना आसान है, परन्तु उसके विचारों को नहीं। महान साम्राज्य टूट जाते हैं, तबाह हो जाते हैं, जबकि उनके विचार बच जाते हैं।
  • प्रेमी, पागल, और कवी एक ही चीज से बने होते हैं।
  • राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है, मैं एक ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी आज़ाद है।
  • निष्‍ठुर आलोचना और स्‍वतंत्र विचार, ये दोनों क्रांतिकारी सोच के दो अहम लक्षण हैं।
  • मेरा धर्म देश की सेवा करना है।
  • जरूरी नहीं था कि क्रांति में अभिशप्त संघर्ष शामिल हो। यह बम और पिस्तौल का पंथ नहीं था।

Bhagat Singh Quotes in Hindi

  • देशभक्तों को अक्सर लोग पागल कहते हैं।
  • इंसान तभी कुछ करता है जब वो अपने काम के औचित्य को लेकर सुनिश्चित होता है, जैसाकि हम विधान सभा में बम फेंकने को लेकर थे।
  • मैं एक मानव हूं और जो कुछ भी मानवता को प्रभावित करता है उससे मुझे मतलब है।
  • व्यक्तियो को कुचल कर, वे विचारों को नहीं मार सकते।
  • क़ानून की पवित्रता तभी तक बनी रह सकती है जब तक की वो लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति करे।
  • खुदा के आशिक तो हैं हजारों, बनों में फिरते हैं मारे-मारे मैं, उसका बन्दा बनूंगा जिसको खुदा के बन्दों से प्यार होगा।

Bhagat Singh Dialogue in Hindi

  • जिंदगी तो सिर्फ अपने कंधों पर जी जाती है, दूसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।
  • सिने पर जो ज़ख्म है, सब फूलों के गुच्छे हैं, हमें पागल ही रहने दो, हम पागल ही अच्छे हैं।
  • लिख रहा हूँ मैं अंजाम जिसका कल आगाज़ आएगा, मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा।
  • व्यक्ति की हत्या करना सरल है परन्तु विचारों की हत्या आप नहीं कर सकते।
  • महान साम्राज्य ध्वंस हो जाते हैं पर विचार जिंदा रहते हैं।
  • क्रांतिकारी सोच के दो आवश्यक लक्षण है – बेरहम निंदा तथा स्वतंत्र सोच।
  • अपने दुश्मन से बहस करने के लिये उसका अभ्यास करना बहोत जरुरी है।
  • जो व्यक्ति विकास के लिए खड़ा है उसे हर एक रूढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी, उसमें अविश्वास करना होगा तथा उसे चुनौती देनी होगी।
  • दिल से निकलेगी न मरकर भी वतन की उलफत, मेरी मिट्‌टी से भी खुशबू-ए वतन आएगी।

जिंदगी तो सिर्फ अपने कंधों पर जी जाती है,
दूसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं…
Bhagat Singh

FAQ

Q : भगत सिंह द्वारा दिए गए नारे क्या हैं?
Ans : इंक़ेलाब ज़िंदाबाद भगत सिंह का प्रसिद्द नारा है।

Q : भगतसिंह का जन्म दिन कब है?
Ans : शहीद भगत सिंह का जन्म पंजाब के बंगा गाँव में 28 सितम्बर 1907 को हुआ।

Q : भगत सिंह ने क्या कहा था?
Ans : भगत सिंह ने कहा था जिंदगी तो सिर्फ अपने कंधों पर जी जाती है। दूसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।

Q : भगत सिंह को फांसी क्यों दी गई?
Ans : दिल्ली असेम्बली में बम फोड़ने की सज़ा के कारण 8 अप्रैल 1929 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दे दी गयी।

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